हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखते हैं. अपरा एकादशी को अचला एकादशी भी कहते हैं. इस व्रत में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम स्वरूप की पूजा करते हैं और अपरा एकादशी व्रत की कथा सुनते हैं. अपरा एकादशी का व्रत इस साल 2 दिन है. एक दिन गृहस्थ जनों के लिए है और दूसरा दिन वैष्णव के लिए व्रत होगा. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि अपरा एकादशी कब है? अपरा एकादशी का पूजा मुहूर्त, पारण समय और महत्व क्या है?
कब है अपरा एकादशी 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी के लिए आवश्यक ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी तिथि 2 जून रविवार को प्रात: 05:04 एएम से शुरू होगी और यह 3 जून सोमवार को 02:41 एएम पर खत्म होगी. उदयातिथि के आधार पर अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को होगा, लेकिन हरि वासर 3 जून को 08:05 ए एम पर सूर्योदय के बाद हो रहा है. ऐसे में अपरा एकादशी का व्रत दो दिन रखा जाएगा.
गृहस्थजन के लिए अपरा एकादशी व्रत – 2 जून, रविवार को
वैष्णवजन के लिए अपरा एकादशी व्रत – 3 जून, सोमवार को
ये भी पढ़ें: 31 मई को बुध बदलेगा अपनी राशि, 4 राशिवालों की बुलंद होगी किस्मत, एकसाथ कई सपने होंगे पूरे!
अपरा एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त
जो लोग 2 जून को अपरा एकादशी का व्रत रखेंगे, वे आयुष्मान योग में भगवान त्रिविक्रम की पूजा करें. उस दिन आप सूर्योदय 05:23 ए एम से लेकर 12:12 पी एम के बीच अपरा एकादशी की पूजा कर सकते हैं.
वहीं जो लोग 3 जून को अपरा एकादशी का व्रत रखेंगे, वे सूर्योदय बाद से सौभाग्य योग में भगवान त्रिविक्रम की पूजा करें. भगवान त्रिविक्रम श्रीहरि विष्णु के वामन अवतार को कहते हैं.
अपरा एकादशी 2024 पारण समय
गृहस्थजन अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 3 जून को सुबह 08:05 ए एम से 08:10 ए एम के बीच है. इस समय में आपको पारण करके व्रत पूरा कर लेना चाहिए. वहीं वैष्णवजन व्रत का पारण 4 जून को 05:23 ए एम से 08:10 ए एम के बीच कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: कब शुरू हो रहा ज्येष्ठ माह? भगवान त्रिविक्रम की करें पूजा, जानें जेठ में कौन से काम करने से लगेगा दोष
अपरा एकादशी व्रत का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपार धन की प्राप्ति होती है. व्रत करने वाले को संसार में यश मिलता है. विष्णु कृपा से उसका जीवन सुखमय होता है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है. उसके जीवन से कष्ट और पाप दूर होते हैं. जो व्यक्ति अपने गुरु से शिक्षा लेकर उसकी निंदा करता है, उसे पाप लगता है. लेकिन वह अपरा एकादशी का व्रत रखता है तो वह इस पाप से मुक्त हो सकता है.
Tags: Apara ekadashi, Dharma Aastha, Lord vishnu
FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 09:12 IST