Ekadashi Vrat: एकादशी का व्रत हिंदु धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हर महीने में दो बार आता है- चंद्रमा के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में ग्यारहवें दिन. व्रत रखने के लिए यह बहुत ही शुभ दिन माना जाता है और माना जाता है और इससे आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से कई लाभ मिलते हैं.
एकादशी व्रत के लाभ:
शरीर को शुद्ध करना: माना जाता है कि उपवास शरीर से विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों को निकालने में मदद करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा मिलता है.
पाचन क्रिया को सुधारना: एकादशी के दौरान खाए जाने वाला हल्का भोजन पाचन तंत्र के लिए आसान माना जाता है, जिससे उसे भारी भोजन से राहत मिलती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: उपवास रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे शरीर रोगों से अधिक लड़ने में सक्षम होता है.
मानसिक और आध्यात्मिक लाभ:
ध्यान और एकाग्रता बढ़ाना: उपवास के दौरान मानसिक व्याकुलता कम होने से फोकस और एकाग्रता में सुधार हो सकता है.
मन की स्पष्टता बढ़ाना: माना जाता है कि उपवास मन को साफ करने और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे विचारों में अधिक स्पष्टता आती है.
आध्यात्मिक विकास लाना: एकादशी व्रत को आत्मनिरीक्षण और दिव्य शक्ति से जुड़ने का समय माना जाता है.
अतिरिक्त लाभ:
वजन घटाने में सहायक हो सकता है: उपवास कैलोरी की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है.
आत्मसंयम को बढ़ावा देता है: एकादशी व्रत रखने के लिए अनुशासन और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, जो जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी लागू हो सकता है.
सफलता की भावना दिलाता है: एकादशी का व्रत सफलतापूर्वक पूरा करने से उपलब्धि और आत्मसंतुष्टि का भाव मिल सकता है.
एकादशी व्रत के प्रकार:
एक वर्ष में 24 एकादशियां होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व और लाभ होता है.हालांकि प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिकमास होने से 2 एकादशियां जुड़कर ये कुल 26 होती हैं. कुछ महत्वपूर्ण एकादशियों में शामिल हैं:
कमिका एकादशी: श्रावण माह में पड़ती है, माना जाता है कि यह पापों को धो देती है और मोक्ष प्रदान करती है.
पापमोचनी एकादशी: चैत्र माह में पड़ती है, माना जाता है कि यह पापों को क्षमा करती है और कष्टों से मुक्ति दिलाती है.
मोक्षदा एकादशी: मार्गशीर्ष माह में पड़ती है, माना जाता है कि यह मोक्ष प्रदान करती है.
विजया एकादशी: फाल्गुन माह में पड़ती है, माना जाता है कि यह विजय और सफलता प्रदान करती है.
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एकादशी व्रत कैसे रखें?
एकादशी का व्रत रखने के लिए, आम तौर पर अनाज, फलियां, दाल, नमक और मसालों का सेवन नहीं किया जाता है. कुछ लोग प्याज, लहसुन और अंडे जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से भी परहेज करते हैं. व्रत सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त के समय समाप्त होता है. दिन के दौरान, प्रार्थना, ध्यान और धर्मग्रंथों का पाठ जैसे आध्यात्मिक कार्यों में शामिल होने की सलाह दी जाती है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
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