Wednesday, November 20, 2024
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बच्चे को जरूर सिखाएं ये 5 मंत्र, ज्ञान-बुद्धि के साथ बढ़ेगी एकाग्रता, भय भी हो जाएगा छूमंतर, जानें पढ़ने की विधि

5 Mantra For Children: सनातन धर्म में जीवन जीने के लिए एक पद्धति है, जिसमें कुछ नियम बने हैं, जिनका पालन बच्चे, महिलाएं, पुरुष सभी करते हैं. उदाहरण के तौर पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें, सूर्य देव को जल अर्पित करें. पूजा-पाठ करने के बाद कुछ खाएं. हालांकि बदलते परिवेश में अब यह असंभव सा लगता है, हालांकि अभी भी जिनसे हो पाता है, वे इस नियम का पालन करते हैं. परिवार के लिए बच्चे भविष्य हैं. उनकी सही परवरिश जरूरी है. कई बार पैरेंट्स इस बात की शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा कुछ भी याद नहीं रखता है, उसकी स्मरण शक्ति ​कमजोर है. उसमें आत्मविश्वास की कमी है. उसे अनजाना भय लगा रहता है. इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए आप अपने बच्चे को कुछ मंत्र सीखा सकते हैं, जिनका वे जाप कर सकते हैं, जिससे उनकी स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ सकती है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं उन 5 महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में, जिनको हर बच्चे को याद रखना चाहिए और उसका जाप करना चाहिए.

बच्चों के लिए 5 महत्वपूर्ण मंत्र

1. हनुमान जी का मंत्र
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, अनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।

इस मंत्र को पढ़ने से भय दूर होगा, ज्ञान, बुद्धि और चातुर्य में वृद्धि होगी. इसमें हनुमान जी के गुणों का बखान किया गया है.

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2. गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्.

स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए.

3. धन, विद्या और विष्णु कृपा का मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥

इस मंत्र को सुबह उठने पर पढ़ना चाहिए. इस मंत्र को पढ़ते समय अपने दोनों हाथों को सामने रखें, ताकि दोनों हथेली आपको दिखे. इसमें बताया गया है कि आपके हथेली में माता लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का वास है. प्रात: उनका दर्शन करें.

4. त्रिदेव, नवग्र​ह मंत्र
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।

इस मंत्र में ब्रह्मा, विष्णु, शिव जी की वंदना के साथ सभी नवग्रह की शांति के बारे में कहा गया है.

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5. आदिशक्ति मंत्र
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

यह आदिशक्ति मां जगदंबा का मंत्र है. इसको पढ़ने से जीवन में खुशहाली, सुख और शांति आती है.

मंत्र पढ़ने की विधि
इनमें तीसरे मंत्र को उठते समय ही पढ़ लें. उसके बाद आप सुबह में स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें. फिर सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें. उसके बाद पूजा स्थान पर एक आसन बिछा लें. वह कुश या कंबल का बना हो तो ज्यादा अच्छा माना जाता है. उस पर पालथी मारकर बैठ जाएं. फिर इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


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