Sleep Apnea : स्लीप एपनिआ एक बीमारी है जिसमें व्यक्ति की नींद में सांस रुक जाती है. यह समस्या मेंटल हेल्थ को कई तरह से प्रभावित करती है. रात में गहरी नींद में सोते वक्त अगर व्यक्ति की सांस कुछ सेकेंड के लिए रुक जाए तो यह अपने आप में एक बड़े आश्चर्य की बात होती है. ज्यादातर लोगों को इसके बारे में ज्ञात नहीं होता है और इसी समस्या को स्लीप एपनिया कहते हैं. यह हमारी ब्रेन हेल्थ पर काफी असर डालती है. चलिए स्लीप एपनिआ और उसके लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
What is sleep Apnea?
स्लीप एपनिआ एक साधारण स्थित है जिसमें व्यक्ति की सोते वक्त कुछ सेकंड्स या मिनट के लिए सांस रुक जाती हैयह 1 घंटे में 100 बार तक हो सकता है.जब आपकी सोते वक्त सांस रूकती है तब आपका दिमाग थोड़ी देर के लिए जग जाता है जो आपके स्लीप साइकिल को और आरामदायक नींद को प्रभावित करता है. स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति पूरी रात की नींद लेने के बावजूद भी दिनभर थका हुआ और सुस्त महसूस करता है.
स्लीप एपनिया 2 प्रकार के होते हैं ,पहला ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (0SA) यह सबसे साधारण प्रकार होता है और इसमें गले की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती है, जिससे फेफड़ों में हवा का प्रवाह रुक जाता है. दूसरा सेंट्रल स्लीप एपनिया (CSA) यह स्थिति तब पैदा होती है जब दिमाग सांस लेने वाली मांसपेशियों को सही सिग्नल दे पाने में असफल हो जाता है.
Sleep Apnea : स्लीप एपनिया के लक्षण
कम पर फोकस ना होना
स्लीप एपनिया व्यक्ति के कॉग्निटिव मन पर प्रभाव डालता है जिसके परिणाम स्वरुप इंसान को कम पर फोकस करने में औरनई चीजों को सिखाने में दिक्कत होती है और चीज देर से समझ में आती है.
एंजायटी डिप्रेशन
स्लीप एपनिया एंजायटी और डिप्रेशन का एक बहुत बड़ा कारण हो सकते हैं क्योंकि इस बीमारी में व्यक्ति की नींद पर असर पड़ता है और नींद ना पूरी होने पर तनाव, एंजायटी जैसी समस्याएं होना आम होता है. यह हमारे मूड पर भी काफी नकारात्मक असर डालता है.
मानसिक थकान
इस स्थिति में मानसिक थकान होना आम होता हैमानसिक थकान होने पर व्यक्ति चीज देर से समझता है और उसे अपने काम को मैनेज करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे व्यक्ति में तनाव बढ़ जाता है और वह मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स का शिकार जल्दी होता है.
हार्मोनल संतुलन में कमी
स्लीप एपनिया हमारे हार्मोनल संतुलन पर काफी असर डालती है जिससे शारीरिक परेशानियां बढ़ जाती है, जैसे की शरीर में थायराइड हार्मोन का अंडरएक्टिव होना या बहुत ज्यादा बढ़ जाना.ऐसे में व्यक्ति को थायराइड की समस्या हो सकती है.