Fruits in Diabetes : मधुमेह (type 2 diabetes) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कुछ फलों का सेवन सीमित या नियंत्रित करना आवश्यक होता है. वैसे तो फलों में शर्करा पाया जाता है लेकिन कुछ फल ऐसे होते जिनका ग्लाईसेमिक लोड बहुत ज्यादा होता है. मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए इसका सेवन हानिकारक साबित हो सकता है. कुछ फल ऐसे होते हैं जिनका ग्लाईसेमिक इंडेक्स तो ज्यादा होता है लेकिन उनका ग्लाईसेमिक लोड कम होता है जैसे कि तरबूज. तरबूज ग्लाईसेमिक इंडेक्स 72 होता है लेकिन उसका ग्लाईसेमिक लोड 2 होता है प्रति 100 ग्राम सर्विंग में. जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ने देता है और कार्बोहाइड्रेट का बैलेंस बनाए रखता है. कार्बोहाइड्रेट का बैलेंस बनाए रखने के लिए ऐसे फलों को मेवे के साथ या अंडे के साथ खाया जा सकता है. लेकिनमधुमेह के मरीजों के लिएदो फलों का सेवन करनाबहुत ही हानिकारक हो सकता हैक्योंकि उनका ग्लाइसेमिक लोड ज्यादा होता है.
Fruits in Diabetes : दो प्रमुख फलों जो शुगर के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकते हैं
अंगूर
अंगूर में शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त शर्करा स्तर को तेजी से बढ़ा सकती हैवैसे तो अंगूर (type 2 diabetes) में लोग नहीं लेते हैंलेकिन अगर आप इसका सेवनसंतुलित आहार के साथ करते हैं तो यह नुकसान नहीं करता हैलेकिन अंगूर को खाली पेट खाने से आपका ब्लड शुगर लेवलबढ़ सकता है.
केला
केला भी उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फल है, जो डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है .केला एक कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फल होताहै और इसको खाली पेट खाने से यह फायदा भी करता है ,लेकिन मधुमेह के रोगियों के लिए इसका खाली पेट खाना हानिकारक हो सकता है क्योंकि यह शरीर में तेजी से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है और मधुमेह के रोगियों के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है.
Fruits in Diabetes : हालांकि, फलों का सेवन पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह संतुलित आहार के साथ कर लिए जाएं तो शरीर में ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है मधुमेह के मरीजों को अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फलों को शामिल करते समय संयम और संतुलन बनाए रखना चाहिए, और अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श लेना लाभदायक हो सकता है. सेब, आड़ू, संतरा, कीवी, पपीता, ड्रैगन फ्रूट आदि फलों का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिएफायदेमंद हो सकता है.